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From small towns to big winsFlipkart’s

 ### छोटे शहरों से बड़ी सफलताओं तक: फ्लिपकार्ट के 'क्राफ़्टेड बाय भारत' से कैसे मिल रही है कारीगरों को नई उड़ान




भारत की सांस्कृतिक विविधता और हस्तशिल्प की समृद्ध परंपरा विश्वभर में प्रसिद्ध है। देश के कोने-कोने में बसे छोटे शहरों और गाँवों में कारीगर अपनी कला और कौशल से अनोखे उत्पाद बनाते हैं। हालांकि, सीमित बाजार और संसाधनों के कारण, इन कारीगरों की पहुँच बड़े उपभोक्ता समूहों तक नहीं हो पाती थी। इसी चुनौती का समाधान करते हुए, फ्लिपकार्ट ने 'क्राफ़्टेड बाय भारत' पहल की शुरुआत की, जो न केवल कारीगरों को एक व्यापक मंच प्रदान करती है, बल्कि उनकी आजीविका में भी महत्वपूर्ण सुधार लाती है।


'क्राफ़्टेड बाय भारत' की शुरुआत


फ्लिपकार्ट ने 'क्राफ़्टेड बाय भारत' पहल की शुरुआत भारतीय हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से की। इस पहल के तहत, कारीगरों, बुनकरों, स्वयं सहायता समूहों (SHGs), और लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSMEs) को फ्लिपकार्ट के विशाल ग्राहक आधार से जोड़कर उनके उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहुँचाया जाता है। इससे न केवल कारीगरों की आय में वृद्धि होती है, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक विरासत को भी संरक्षित किया जा रहा है।


कारीगरों की सफलता की कहानियाँ


1. मोहम्मद जुनैद: सहारनपुर से ई-कॉमर्स की उड़ान


उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के 23 वर्षीय मोहम्मद जुनैद ने अपने पारिवारिक लकड़ी शिल्प व्यवसाय को डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर लाने का निर्णय लिया। 2018 में 'XtenshionCrafts' नाम से फ्लिपकार्ट पर अपनी दुकान शुरू करने के बाद, उनकी बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। 'क्राफ़्टेड बाय भारत' जैसे आयोजनों के माध्यम से, जुनैद ने अपने उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर पहुँचाया और आज वे प्रतिदिन 200-250 उत्पाद बेचते हैं। फ्लिपकार्ट समर्थ कार्यक्रम के सहयोग से, उनका व्यवसाय नई ऊँचाइयों को छू रहा है। 


2. प्रियम्वदा पांडा: मणिबंधा की साड़ियों का वैश्विक मंच


ओडिशा के मणिबंधा की प्रियम्वदा पांडा ने 'DK Fashion Saree' के माध्यम से अपने हस्तनिर्मित साड़ियों को फ्लिपकार्ट पर बेचने का निर्णय लिया। COVID-19 महामारी के दौरान, जब उनका ऑफ़लाइन व्यवसाय प्रभावित हुआ, तब फ्लिपकार्ट समर्थ कार्यक्रम ने उन्हें ऑनलाइन बिक्री का अवसर प्रदान किया। आज, उनकी आय का 90% हिस्सा ई-कॉमर्स से आता है, जिससे वे अपने गाँव के 40 से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान कर रही हैं। 


3. नवल किशोर: जयपुर से जूतियों की कहानी


राजस्थान के जयपुर के नवल किशोर ने अपने पारंपरिक जूती व्यवसाय को फ्लिपकार्ट के माध्यम से ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर लाया। 'क्राफ़्टेड बाय भारत' पहल के तहत, उन्हें अपने उत्पादों को व्यापक दर्शकों तक पहुँचाने का अवसर मिला, जिससे उनकी बिक्री में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई। फ्लिपकार्ट के सहयोग से, नवल ने अपने व्यवसाय को नई दिशा दी और आज वे सैकड़ों ग्राहकों तक अपने उत्पाद पहुँचा रहे हैं। 


'क्राफ़्टेड बाय भारत' के प्रमुख पहलू


विस्तृत उत्पाद श्रेणी: इस पहल के तहत, 300 से अधिक पारंपरिक कला रूपों के साथ 1.2 लाख से अधिक हस्तशिल्प उत्पाद उपलब्ध कराए जाते हैं, जिससे ग्राहकों को विविधता मिलती है। 


महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन: फ्लिपकार्ट विशेष रूप से महिला विक्रेताओं के उत्पादों को प्रमुखता देता है, जिससे उन्हें अपने व्यवसाय को बढ़ाने में सहायता मिलती है। 


राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुँच: फ्लिपकार्ट के विशाल ग्राहक आधार के माध्यम से, कारीगरों को अपने उत्पादों को देश-विदेश में बेचने का अवसर मिलता है, जिससे उनकी आय में वृद्धि होती है।



निष्कर्ष


फ्लिपकार्ट की 'क्राफ़्टेड बाय भारत' पहल ने छोटे शहरों और गाँवों के कारीगरों को एक नया मंच प्रदान किया है, जिससे वे अपनी कला को व्यापक दर्शकों तक पहुँचा सकते हैं। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है, बल्कि भारतीय हस्तशिल्प की समृद्ध परंपरा को भी संरक्षित किया जा रहा है। यह पहल दर्शाती है कि कैसे डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का सही उपयोग करके पारंपरिक कारीगरों को सशक्त बनाया जा सकता है और उन्हें वैश्विक पहचान दिलाई जा सकती है।



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चित्र डाउनलोड लिंक: फ्लिपकार्ट 'क्राफ़्टेड बाय भारत' इवेंट



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फ्लिपकार्ट की इस पहल के माध्यम से, भारतीय कारीगरों की कहानियाँ न केवल देश में, बल्कि विश्वभर में गूँज रही हैं, और यह साबित हो रहा है कि सही मंच और समर्थन से छोटे शहरों के सपने भी बड़े मुकाम हासिल कर सकते हैं।


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